God has created multi track life and some pages are intentionally left blank.
Tuesday, October 11, 2016
Sunday, June 19, 2016
तन्हा सी लगती है ज़िन्दगी
कितनी तन्हा सी लगती है ज़िन्दगी कभी कभी
जमाना है संग फिर भी लगती है अकेली कभी कभी
कुछ मोड पर उलझने तकलीफें
कुछ मोड पर है खुशियाँ दबी दबी
बीत ही जाएगी ज़िन्दगी सवालों में एक दिन
जो देती रही है जवाब कभी कभी
किस्मत की लकीरों पे इतबार करना छोड़ दिया
जब इंसान बदल सकते हैं तो लकीरें क्यों नहीं
Wednesday, March 30, 2016
उल्फ़ते जिंदगी
उल्फ़ते जिंदगी में उलझने कम नहीं
तुम हो साथ तो बहारें भी कम नहीं
तुम हो साथ तो बहारें भी कम नहीं
ना तेरे आने की आहट हुई ना जाने का ज़िक्र
खुशनुमा मौसम सी खुशबू
सोंधी मिटटी की सुगंध
तुम से हैं बहारे
खुशनुमा मौसम सी खुशबू
सोंधी मिटटी की सुगंध
तुम से हैं बहारे
Monday, February 15, 2016
कुछ यादों के पन्नो से
कुछ यादों के पन्नो से, निकली हैं यादें , तेरी मेरी
कुछ भूली , कुछ याद हैं वो बातें
सब कुछ बहुत अच्छा लगता है
क्योंकि वो यौवन बहुत चंचल था
आज भी याद है तुम्हारा नजरे चुराकर देखना
और फिर नजरे मिलने पर अनजान बनना।
चलो आज फिर थोड़ा रोमानी हो जाये
फिर मैं रूठूँ , तुम मनाओ
फिर थोड़ा छेड़े , मनुहार करें
चलो फिर अपने भावो का इजहार करें।
कुछ अनकही जो दबी है , दिल में
उसको होठों से एकसार करें
तुमसे कहना है बहुत कुछ
कभी समय तो कभी शब्द नहीं मिलते
कभी फुर्सत हो तो कुछ कह लेंगे , कुछ सुन लेंगे
लिख लेंगे फिर से किस्मत की स्याही से
यादोँ के कुछ नए पन्ने
यादोँ के कुछ नए पन्ने।
कुछ भूली , कुछ याद हैं वो बातें
सब कुछ बहुत अच्छा लगता है
क्योंकि वो यौवन बहुत चंचल था
आज भी याद है तुम्हारा नजरे चुराकर देखना
और फिर नजरे मिलने पर अनजान बनना।
चलो आज फिर थोड़ा रोमानी हो जाये
फिर मैं रूठूँ , तुम मनाओ
फिर थोड़ा छेड़े , मनुहार करें
चलो फिर अपने भावो का इजहार करें।
कुछ अनकही जो दबी है , दिल में
उसको होठों से एकसार करें
तुमसे कहना है बहुत कुछ
कभी समय तो कभी शब्द नहीं मिलते
कभी फुर्सत हो तो कुछ कह लेंगे , कुछ सुन लेंगे
लिख लेंगे फिर से किस्मत की स्याही से
यादोँ के कुछ नए पन्ने
यादोँ के कुछ नए पन्ने।
Sunday, February 14, 2016
हर पल तेरा ख्याल
इंतज़ार के पल वो प्यार के पल
दिल के उभरते जज़्बात के पल
वो तार्रों के पल
तेरी मेरी उस मुलाकात के पल
पल पल को मिला के बनाये गए वो पल
पल पल को समेट लेंगे हम
चुरा लेंगे खुद से खुशियों के वो पल
नहीं भूल पाऊँगी वो तेरे साथ के वो हसीन पल
वो हसने मुस्काने , रुठने मनाने के वो पल
हर पल पल बीत जाने का डर
चाहूँ हर पल तेरे साथ का पल।
बंद आँखों में ख़्वाब तुम्हारे , खुली आँखों में ख्याल तुम्हारा।
क्यों रग रग में इतना बस गए हो की सांस ले तो भी नाम तुम्हारा।
Tera Intezaar
ख्यालों के पंख होते हैं
जाने कहाँ ले उड़ते हैं
मन तो एक कोमल पंख की तरह होता है
जो एक कोमल स्पर्श को तलाशता है।
अँखियाँ तरसती रही , तेरे दीदार को
और एक तू है जिसे पता भी न चला
हमारे जाने का , हर पल तेरा इंतज़ार किया
हर पल तेरा दीदार किया।
क्यों महसूस होता है ये अकेलापन
इतने सब के बीच में
शायद तुम कभी समझ पाओ।
जाने कहाँ ले उड़ते हैं
मन तो एक कोमल पंख की तरह होता है
जो एक कोमल स्पर्श को तलाशता है।
अँखियाँ तरसती रही , तेरे दीदार को
और एक तू है जिसे पता भी न चला
हमारे जाने का , हर पल तेरा इंतज़ार किया
हर पल तेरा दीदार किया।
क्यों महसूस होता है ये अकेलापन
इतने सब के बीच में
शायद तुम कभी समझ पाओ।
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