कुछ शब्द अनकहे से
Sunday, February 14, 2016
बंद आँखों में ख़्वाब तुम्हारे , खुली आँखों में ख्याल तुम्हारा।
क्यों रग रग में इतना बस गए हो की सांस ले तो भी नाम तुम्हारा।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment