ख्यालों के पंख होते हैं
जाने कहाँ ले उड़ते हैं
मन तो एक कोमल पंख की तरह होता है
जो एक कोमल स्पर्श को तलाशता है।
अँखियाँ तरसती रही , तेरे दीदार को
और एक तू है जिसे पता भी न चला
हमारे जाने का , हर पल तेरा इंतज़ार किया
हर पल तेरा दीदार किया।
क्यों महसूस होता है ये अकेलापन
इतने सब के बीच में
शायद तुम कभी समझ पाओ।
जाने कहाँ ले उड़ते हैं
मन तो एक कोमल पंख की तरह होता है
जो एक कोमल स्पर्श को तलाशता है।
अँखियाँ तरसती रही , तेरे दीदार को
और एक तू है जिसे पता भी न चला
हमारे जाने का , हर पल तेरा इंतज़ार किया
हर पल तेरा दीदार किया।
क्यों महसूस होता है ये अकेलापन
इतने सब के बीच में
शायद तुम कभी समझ पाओ।