Monday, February 15, 2016

कुछ यादों के पन्नो से

कुछ यादों के पन्नो से, निकली हैं यादें , तेरी मेरी 

कुछ भूली , कुछ याद हैं वो बातें
सब कुछ बहुत अच्छा लगता है
क्योंकि वो यौवन बहुत चंचल था
आज भी याद है तुम्हारा नजरे चुराकर देखना
और फिर नजरे मिलने पर अनजान बनना।

चलो आज फिर थोड़ा रोमानी हो जाये
फिर मैं रूठूँ , तुम मनाओ
फिर थोड़ा छेड़े , मनुहार करें
चलो फिर अपने भावो का इजहार करें।

कुछ अनकही जो दबी है , दिल में
उसको होठों से एकसार करें
तुमसे कहना है बहुत कुछ
कभी समय तो कभी शब्द नहीं मिलते
कभी फुर्सत हो तो कुछ कह लेंगे , कुछ सुन लेंगे
लिख लेंगे फिर से किस्मत की  स्याही से
यादोँ के कुछ नए पन्ने
यादोँ के कुछ नए पन्ने।

Sunday, February 14, 2016

हर पल तेरा ख्याल


इंतज़ार के पल वो प्यार के पल 
दिल के उभरते जज़्बात के पल 
 वो तार्रों  के पल 
 तेरी मेरी उस मुलाकात के पल 
पल पल को मिला के बनाये गए वो पल 
पल पल को समेट लेंगे हम 
चुरा लेंगे खुद से खुशियों के वो पल 
नहीं भूल पाऊँगी वो तेरे साथ के वो हसीन पल 
वो हसने मुस्काने , रुठने मनाने के वो पल 
हर पल पल बीत  जाने का डर 
चाहूँ हर पल तेरे साथ का पल। 




बंद आँखों में ख़्वाब तुम्हारे , खुली आँखों में ख्याल तुम्हारा। 
क्यों रग रग में इतना बस गए हो की सांस ले तो भी नाम तुम्हारा।

Tera Intezaar

ख्यालों के पंख होते हैं
जाने कहाँ ले  उड़ते हैं
मन तो एक कोमल पंख की तरह होता है
जो एक कोमल स्पर्श को तलाशता है।

अँखियाँ तरसती रही , तेरे दीदार को
और एक तू है जिसे पता भी न चला
हमारे जाने का , हर पल तेरा इंतज़ार किया
हर पल तेरा दीदार किया।

क्यों महसूस होता है ये अकेलापन
इतने सब के बीच में
शायद तुम कभी समझ पाओ।