Saturday, January 18, 2025

ज़िन्दगी के रंग

 कभी ख्वाबों में रचती है ज़िन्दगी

तो कभी अश्कों में बसती है ज़िन्दगी


हर गम को दामन में छुपा लेती है

खुशी को हँसकर सहती है ज़िन्दगी


कभी तन्हा रहकर भी सुकून देती है

कभी महफिल में खो सी जाती है ज़िन्दगी


किस्मत का हर एक खेल समझ लिया

फिर भी नए रंग दिखाती है ज़िन्दगी


अब हर मोड़ को अपना लिया हमने

हर हाल में मुस्कुराती है ज़िन्दगी



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