कुछ शब्द अनकहे से
Tuesday, March 14, 2017
विवाह की २३ वी वर्षगांठ पर
तुमने न जाना कितना
तुमको प्यार किया
मेरी इबादत
कल भी तुम थे
आज भी तुम हो
बेखबर बनते हो
खबर हो के भी
मेरी किस्मत
कल भी तुम थे
आज भी तुम हो ।
दिल की चाहत
कल भी तुम थे
आज भी तुम हो ।
मेरी जरुरत कल भी तुम थे
आज भी तुम हो।
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