Sunday, June 19, 2016

तन्हा सी लगती है ज़िन्दगी


 कितनी तन्हा सी लगती है ज़िन्दगी कभी कभी
जमाना है संग फिर भी लगती है अकेली कभी कभी 
कुछ मोड पर उलझने तकलीफें 
कुछ मोड पर है खुशियाँ दबी दबी 
बीत ही जाएगी ज़िन्दगी  सवालों में एक दिन 
जो देती रही है जवाब कभी कभी 
किस्मत की लकीरों पे इतबार करना छोड़ दिया 
जब इंसान बदल सकते हैं तो लकीरें क्यों नहीं